पर्यावरण संरक्षण में युवाओं की भूमिका | Role of youth in environmental protection



पर्यावरण
चलिए सबसे पहले ये जानने की कोशिश करते हैं कि पर्यावरण है! पर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है=परि+आवरण । परि अर्थात चारों ओर, आवरण मतलब परिवेश । चारों ओर के परिवेश से को मिलकर आवरण तैयार होता है उसे पर्यावरण कहा जाता है। इस आवरण के अन्तर्गत सभी प्रकार के जीव मनुष्य से लेकर जंतु तक ,सभी प्रकार से पेड़ पौधे, वनस्पति, जल और इनसे संबंध रखने वाले सभी भौतिक परिसर आते हैं। पृथ्वी पर होने वाली सभी प्रकार की गतिविधियां जो परिणाम उत्पन्न करती हैं पर्यावरण के अन्तर्गत ही आता है।
पर्यावरण संरक्षण
पर्यावरण को हर तरह से दूषित होने से बचाने का कार्य पर्यावरण संरक्षण कहलाता है। पर्यावरण संरक्षण के अन्तर्गत विभिन्न प्रकार के संरक्षण आते हैं जैसे - जल संरक्षण,वायु संरक्षण,मृदा संरक्षण आदि।यदि हम अपने आस - पास के पर्यावरण का संरक्षण करेंगे तो हमें मिलने वाली वायु , जल आदि स्वास्थ के लिए लाभप्रद सिद्ध होंगी।

पर्यावरण संरक्षण में युवाओं की भूमिका
तो चलिए हम अपने टॉपिक के अहम हिस्से पर आते हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि मौजूदा वक़्त में हमारा देश युवाओं का देश कहा जाता है क्योंकि हमारे देश की युवा शक्ति मजबूत हो चुकी है। युवा शक्ति वह शक्ति होती है जो हवा के रुख को बदल सकती है यह बात दुनिया को पता है। युवा वह अवस्था होती है जिस समय कोई भी कार्य का भर उठवाया जा सकता है और वह कार्य बहुत ही अच्छे ढंग से और कम समय में पूरा हो जाने की सम्भवना होती है। हर तरह के पब्लिक जगहों पर युवा ही युवा दिखाई देते हैं तो अगर देश के युवा चाहें तो पर्यावरण संरक्षण की गति बढ़ सकती है। लेकिन ध्यान रहे यह  सिर्फ  युवा की जिम्मेदारी नहीं है। और ना ही केवल युवाओं के ही चाहने से यह कार्य सम्पन्न हो सकता है पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए सभी वर्गों को चेतने की जरूरत आन पड़ी है।
तो चलिए देखते हैं कि युवाओं के द्वारा क्या किया का रहा है। और साथ में ये भी विश्लेषण किया जाएगा कि क्या किया जा सकता है जिससे पर्यावरण स्वच्छ बना रहे।

पौधारोपण | Planting
प्रकृति की महक और पर्यावरण की स्वच्छता को बचाए रखने के लिए पौधरोपण एक बहुत ही अहम कदम है। पौधा कुछ समय के बाद एक घने वृक्ष का रूप लेता है जो लेना तय है और यह वृक्ष शुद्ध ऑक्सीजन,छाया देने के साथ साथ और क्या क्या देता है शायद हम इसका अंदाजा नहीं लगा सकते । देश के युवाओं को चाहिए कि पौधरोपण करने में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लें और खुद युवा से वृद्ध होने के साथ ही पौधे को वृक्ष बनने में मदद करें। मौजूदा वक्त में पौधरोपण में युवा वर्ग के लोग बखूबी अपना अंजाम दे रहे हैं समय - समय पर स्कूलों और कालेजों में पौधरोपण का कार्यक्रम होता रहता है। और इसमें युवा बढ़ चढ़कर हिस्सा भी लेते हैं। सरकार को चाहिए कि पौधरोपण का कार्यक्रम और बड़े स्तर पर आयोजित किया जाय और युवाओं के जोश को इस क्रांतिकारी कार्य में प्रयोग किया जाए।

चित्रकारी | Painting
पर्यावरण संरक्षण को जन जन तक पहुंचाने के लिए स्कूलों और कॉलेजों में समय समय पर पेंटिंग्स प्रतियोगिता आयोजित कराई जाती है और युवा वर्ग बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हैं । जो नहीं ले पाते उनको भी चाहिए कि हिस्सा लें और सरकार को चाहिए कि ऐसे कार्यक्रम को बढ़ावा दे और इसके द्वारा हर जगह जागरूकता फैलाई जाय जिससे हर वर्ग के लोगों में पर्यावरण संरक्षण में भागीदारी लेने की एक नई अलख जगे।

प्लास्टिक का बहिष्कार | Relegation of Plastics
प्लास्टिक और पॉलिथीन को पूर्ण रूप से बहिष्कृत करने की आवश्यकता है क्योंकि प्लास्टिक के उपयोग से तरह तरह की बीमारियां फैलती हैं और उसका बुरा प्रभाव जन जीवन तथा पशुओं पर भी पड़ता है जिससे पर्यावरण पर खासा प्रभाव पड़ता है और विभिन्न प्रकार की मुश्किलें आने लगती हैं। युवा वर्ग को चाहिए कि प्लास्टिक का पूर्ण रूप से बहिष्कार करे तथा अन्य लोगों को भी जागरुक करने के लिए जागरुकता कार्यक्रम में भाग ले।

वनों की अंधाधुंध कटाई पर रोक 
मौजूदा समय में आबादी बढ़ने से शहरों और गावों का विस्तार हो रहा है जिससे खेतों के कम होने के साथ साथ वृक्षों पर भी बुरा असर पड़ रहा है।वृक्षों की अंधाधुंध कटाई हो रही है और उसकी जगह पर दूसरा वृक्ष नहीं उगाया जा रहा है। देश के युवा इस ओर भी अपना योगदान कर सकते हैं । सभी वर्गों को चाहिए कि वृक्ष की कटाई को होने से बचाया जाए और जागरुकता कार्यक्रम चलाए जाएं जिससे वृक्षों की अहमियत के बारे में सभी पता चल सके और इस विनाशकारी कार्य को होने से बचाया जा सके।

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