2 October Gandhiji birth Anniversary

2 अक्टूबर यानी गांधी जयंती 

भारत का बच्चा बच्चा बोल उठा एक अलग पहचान की किलकारियों के साथ, संपूर्ण विद्याघर खुले होने के बजाय बंद मिले क्योंकि आज गांधी जयंती थी ये हमारे लिए कम ठीक बात होती दिखाई दे रही थी कि आज इतने पवित्र दिन हम सभी विद्यार्थी शिक्षा लेने से वंचित रहे।आज का ही वो दिन था 02 Oct 1869 जिस दिन  गुजरात शहर में किसी सख्सियत की सदा गूंजी और ऐसी गूंज उठी कि उस गूंज के सामने वो भी नहीं टिक पाए जो हमेशा उगते सूरज के साए में रहते थे और आज तक गूंज धीमी नहीं हुई आज उसी सामर्थ्य और वेग के साथ संपूर्ण भारत में और भारत के बाहरी इलाकों में भी गूंज रही है। गांधी जी हमारे देश के लिए एक अमूल्य निधि के रूप में प्राप्त हुए।ऐसे ही हम उन्हें अपने साथ मुसलसल नहीं लिए फिरते , इसका सिद्धांत बहुत बड़ा है।शायद गांधी जी न होते तो हमारे राष्ट्र का कोई अस्तित्व ही नहीं होता, अंधेरा रहता सिर्फ अंधेरा।
उन्होंने हमारे देश को बहोत कुछ दिया,इतना दिया कि हम शायद याद ही नहीं कर पाएं।जिस सख्सियत को दुनिया पर राज करने वाले फिरंगी गलत नहीं साबित कर पाए उन्हें हममें से कोई कैसे कर सकता है।हम तो कभी नहीं कर सकते क्योंकि हमें मालूम है कि उनका क्या अस्तित्व है हमारे देश के लिए अब भी क्या है और क्या था उन दिनों। वैसे भी जो सार्वभौमिक सत्य को अपना रास्ता बना लेता है उसे दुनिया की कोई भी हलचल या शक्ति हिला ही नहीं सकती जिसके साक्षी हैं बापू। गांधी जी को राष्ट्रपिता कि दर्जा दिया उनके अच्छे कार्यों के कारण ही मिला।जब तक उनकी सांसें चलती रहीं वो हमें मुसलसल कुछ न कुछ देते रहे और सांस रुक जाने के बाद भी वो हमारे बीच ऐसे ऐसे विचार और सोच दे गये जिसे हम अपने दैनिक जीवन में ढाल लें तो शायद हमारी जिंदगी का कोई अस्तित्व बन जाय।
आइए गांधी जी के इल्मरूपी समंदर से कुछ बूंदों के सहारे अपने जीवन को स्नान कराएं...

My Life is my Message
(मेरा जीवन ही मेरा संदेश है।)
बापू ने कहा कि मेरा जीवन ही मेरा संदेश है... उनके इस विचार से यह स्पष्ट हो जाता है कि उनका जीवन कैसा था ।अगर हम उनके जीवन का सही तरीके से अध्ययन कर लें तो शायद हमें उनका वो संदेश मिल जाए जो वो इस विचार के द्वारा हमें देना चाहते हैं।उस जीवन में कुछ खास, विचित्र तो था ही न जिसने सारी दुनिया पर राज करने वालों को सोचने पर मजबूर किया और वो अंततः सोचने काबिल भी नहीं रह गये।तो हमें चाहिए कि हम बापू के जीवन का अध्ययन करें जिससे हमें वो सब मिल जाए जो हमें वो देने की सदा लिए विदा ले लिए।

Where there is Love,there is Life
(जहां प्रेम है वहीं जीवन नाम जीवन पाता है)
इस विचार में गांधी जी ने दुनिया का निचोड़ रखा उन्होंने हमें बताया कि अगर हम सही तरीके से जिंदगी जिए तो वहां प्रेम भाव होना अनिवार्य है और इस बात का अमल हमें बापू के जीवन में भी देखने को मिलता है।हम कहीं भी चले जाएं प्रेम भाव से हर जगह अपनी अलग पहचान बना सकते हैं और हमें कोई भी जंग जीतनी हो तो हम बड़ी सरलता से इस रास्ते पर चलकर जीत सकते हैं जिससे हमें कुछ भी खर्च करने की जरूरत भी नहीं होगी और हम फतह भी हासिल करने में सक्षम हो जाएंगे।

Hate the Sin , Love the Sinner
(पाप से घृणा करिए,पापी से नहीं)
बापू इस विचार से हमें ये संदेश देना चाह रहे हैं कि जो व्यक्ति पाप करे उससे आप घृणा मत करिए मत करिए बल्कि पाप से घृणा करिए जो उसके द्वारा किया जाता हो क्योंकि अगर आप पापी से घृणा करेंगे तो उस पाप को नहीं हरा पाएंगे हमें पाप को खत्म करने के पापी से प्रेम करना चाहिए तभी तो हमारे दरमियां से पाप खत्म होगा और हमारा देश तरक्की के रास्ते पर सक्रिय हो जाएगा।

The Future depends on what you Do Today
(आपका भविष्य इस पर निर्भर करता है कि आप आज क्या कर रहे हैं।)
बापू ने कहा कि आज आप जो कर रहे हैं उसी पर आपका भविष्य निर्भर है अर्थात हम अपने भविष्य का निर्माण आज के समय में ही करते हैं हमें आने वाले दिनों में उसका फल प्राप्त होता है चाहे वह कार्य अच्छा हो या खराब , परिणाम निश्चित ही हमारे अस्तित्व के लिए आएगा।

Truth is one ,Paths are many
(सत्य एक है,उस चलने के रास्ते बहोत सारे हैं)
गांधी जी ने अपने इल्मरूपी समंदर में यह लहर दिखाई कि समंदर एक ही है आप चाहे जिस से होते हुए आ जाइए अर्थात जो सार्वभौमिक सत्य होता है वो दुनिया भर में सत्य ही माना जाएगा उसको कोई नकार नहीं सकता और न ही कोई उसे झूठा साबित करने की अहमियत रखता है 'सत्यमेव जयते'!

Nobody can hurt me, without my Permission
(बिना मेरी आज्ञा के कोई भी मुझे ठेस नहीं पहुंचा सकता)
गांधी जी ने यह कहा कि बिना मेरी अनुमति लिए कोई भी मुझे ठेस नहीं पहुंचा सकता किसी के पास इतनी शक्ति नहीं है क्योंकि मैं अपने आप में सर्वश्रेष्ठ हूं और हमारे दिल और दिमाग पर सिर्फ हमारा ही राज होता है इसका राजा मेरे सिवा कोई और हो ही नहीं सकत। अर्थात हमें कभी किसी से धोखा मिले तो हमारा अस्तित्व टूटकर बिखरने न पाए बल्कि और निखार आनी चाहिए।

Be the Change what you want to see in the World
(आप वह बदलाव खुद बनिए जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं)
बापू ने हमें वह बदलाव बनने का संदेश दिया जिसका हम सपना देखते हैं और गांधी जी ने ऐसा बन कर दिखाया भी तब उन्होंने इस विचार को हमारे हवाले किया । उन्होंने अपने विचारों में इस बात का जिक्र किया है अगर आप मुझसे कोई संदेश चाहते हैं तो मेरे जीवन का अध्ययन कीजिए। इससे यह सिद्ध होता है कि उन्होंने ऐसा सारी दुनिया के लिए सपना देखा था जैसे उन्होंने अपनी जिंदगी को गुजारा।

First They ignore you,then They laugh at you,then They fight You and the You will win
(पहले वो आपको नजरअंदाज करेंगे,फिर आप पर हंसेंगे, फिर आपसे झगड़ेंगे और तब आप उन पर फतह पा जाएंगे)
बापू कहते हैं कि जो गलत विचारधाराओं के लोग होते हैं,जो आपके द्वारा हो अच्छे कार्यों को अच्छा नहीं देख पाते, जिन्हें आप और आपके कार्य नहीं अच्छे लगते वो पहले आपको नजरअंदाज करेंगे जिससे आप भ्रम पड़ जाएं, फिर आप पर हंसेंगे जिससे आपका आत्मविश्वास कमजोर पड़ जाय , जिससे आप अंदर से कमजोर हो जाएं और आखिरी में जब कोई युक्ति नहीं भाएगी तो वो आपसे झगड़ने आ जाएंगे और फिर आपकी जीत आपकी फतह का रास्ता खुल जाएगा आपको जीतने से कोई नहीं बचा सकता क्योंकि जिस वक्त वो आपको कमजोर करने में लगे थे उस वक्त आप अपने कार्यों से अपने आपको मजबूत बना रहे थे और अंततः वो आपसे कमजोर होकर हार गए।

 गांधी जी की मुसलसल यही सोच रही कि हमारा देश सबसे आजाद रहे,हम सभी लोग किसी से गुलाम न रहें नियम कानून पर चलकर अपने जीवन का अस्तित्व बनाएं और किसी से हमें डर न हो हमेशा निडर रहें और सम्मान के साथ संपूर्ण कायनात में अपनी अलग पहचान बनाएं और सीना उठाकर चलें,कंधा कभी झुकने वाला न हो।
गांधी जी ने अपने देश को स्वच्छ रखने का सपना भी अपनी नयनों में पाल रखा था। जिस विचार पर आज हमारे देश में 'स्वच्छता अभियान' चलाया जा रहा है ये विचार किसी और का नहीं 'बापू' का था इसी कारण से स्वच्छता अभियान का प्रतीक 'बापू' के चश्मे को बनाया गया , नहीं तो भारत के रहनुमा इतने ज्ञानी नहीं...!

गांधी जी के सपनों का भारत का एक हिस्सा शायद ये भी रहा 
Some self Composed poetry for the Dream of "BAAPU"

"स्वच्छता की सबको लत हो
और सभी की मन्नत हो 
मिलकर ऐसा मुल्क बनाएं
जैसे कोई जन्नत हो"

"जो हुआ नहीं है आज तक वो हम करेंगे
ये मुहिम है कि गंदगी को कम करेंगे"


"मेरी सदाएं पहुंचे हर बहन और भाई तक
मिलकर हमें पहुंचना है इंतकाम-ए-सफाई तक"

"हर सुबह को बोलता हर शाम कहता है
हम भी कहते और हमारा नाम कहता है
स्वच्छता के इस दिए को आग देना है हमें
चीखकर के ये मेरा ईमान कहता है"

"गंदगी से ऐसी लड़ाई होगी
हर ओर महकती सफाई होगी"

"आज 'मैं' हूं कल इसे 'हम' तक ले के जाएंगे
सूखती ज़मीं को नम तक ले के जाएंगे
स्वच्छता पर बढ़ रहे कदमों की आहट बोलती
अपना भारतवर्ष स्वच्छतम तक ले के जाएंगे"

"हम भी करेंगे और सभी लोग करेंगे
स्वच्छता के लिए कूड़ेदान का उपयोग करेंगे"

"हमको चलकर जाना है
मिलकर दीप जलाना है
एक तरफ नहीं चारों ओर से
स्वच्छ भारत बनाना है"

"पूरे मन के लिए सबके तन के लिए
स्वच्छता हम करेंगे वतन के लिए"

"चलो चलो कुछ काम करें
विश्व में देश का नाम करें
वतन हमारा स्वच्छ रहे 
ऐसा कुछ इंतजाम करें"


"सर से लेकर पांव-पांव तक
धूप से लेकर छांव-छांव तक
साफ-सफाई सदा रखेंगे
शहर-शहर से गांव-गांव तक"
                                                                                      ~Md.ShakibStar

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