New Poetry on the Evening of Diwali Festival

भरा है उजाले से जो भी था खाली
खुशी लें के हम सबको आई दिवाली

समय चल रहा है क़दम चल रहे हैं
उसी में ही आप और हम चल रहे हैं
फलक़ पर सजा है सितारों का मंडल
यहां जगमगाते हैं घर और जंगल

लगा दीपों से है सजी कोई थाली
खुशी लें के हम सबको आई दिवाली


चिरागों का जो ये नज़ारा बना है
सभी जुगनूओं का सहारा बना है
रिवायत लिए अपने दामन में सब की
मेरा देश ये कितना प्यारा बना है

कि जैसे सजाता है फूलों को माली 
खुशी ले के हम सबको आई दिवाली

उजाले ने है जीत पा ली मुबारक
इन हाथों को 'पूजा' की थाली मुबारक
ये आवाज़ निकली है दिल से हमारे
मैं कहता हूं सब को दिवाली मुबारक

बनी आज है शाम सबसे निराली
खुशी ले के हम सबको आई दिवाली
                            ~MdShakibStar

Comments

Post a Comment