कहाँ है गाँधी के सपनों का भारत

According to Forbes Magazine Report...
5)- Myanmar : 40% bribery rate
4)- Pakistan : 40% bribery rate
3)- Thailand : 41% bribery rate
2)- Vietnam : 65% bribery rate
1)- India : 69% bribery rate

INDIA/भारत/भारतवर्ष/हिंदुस्तान

- गंगा जमुनी तहजीब का भारत
- सभी धर्मों से बनने वाले संगम का भारत
- गांधी जी के सपनों का भारत
- डा. भीमराव अम्बेडकर का भारत
- चन्द्रशेखर आजाद का भारत
- भगत सिंह का भारत
- असफाकउल्लाह ख़ान का भारत
- राम प्रसाद बिस्मिल का भारत
- सरदार वल्लभ भाई पटेल का भारत
- बाल गंगाधर तिलक का भारत 
- मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का भारत 
- रानी लक्ष्मीबाई का भारत
- रानी दुर्गावती का भारत
- बेगम हजरत महल का भारत
- मंगल पाण्डेय का भारत
- स्वामी विवेकानंद का भारत
- तांत्याटोपे का भारत
- राम मनोहर लोहिया का भारत
- सरोजिनी नायडू का भारत
- लाल बहादुर शास्त्री का भारत
- गौतम बुद्ध का भारत
- आर्य भट्ट का भारत
- टीपू सुल्तान का भारत
- रजिया सुल्तान का भारत
- पोरस का भारत
- राजा कनिष्क का भारत
- अशोक का भारत 
- अलाउद्दीन खिलजी का भारत
- बाबर का भारत
- हुमायूं का भारत
- अकबर का भारत
- जोधाबाई का भारत
- औरंगजेब का भारत
- शाहजहां का भारत
- मुमताज महल का भारत
- ताजमहल का भारत
- छात्रपति शिवाजी का भारत
- मदर टेरेसा का भारत
- फ्लोरेंस नाइटिंगेल का भारत
-  रवीन्द्र नाथ टैगोर का भारत
- कबीर का भारत
- रहीम का भारत
- मलिक मोहम्मद जायसी का भारत
- मिर्जा गालिब का भारत
- अल्लामा इक़बाल का भारत
- गुलज़ार साहब का भारत
- अमीर खुसरो का भारत
- इक़बाल का भारत
- बिस्मिल्लाह खान का भारत
- मोहम्मद रफी का भारत
- शमशाद बेगम का भारत
- अल्लाह रखा रहमान
- मेजर ध्यानचंद का भारत
- ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी का भारत
 
क्या हम उसी हिन्दुस्तान में रहते हैं जहां से ये तमाम महान शख्सियतों का संबंध है? हम अपने मुल्क को कहां लेकर जा रहे हैं, किस रेल की पटरी विकास के पहिए चल रहे हैं जो आज हम एशिया के सबसे भ्रष्ट लोग हो गए। आखिर कहां गए हमारे नियम कानून और सभी धर्मों के संगम से जन्म लेने वाली संस्कृति जो हिन्दुस्तान को सोने की चिड़िया की पदवी दिलाया करता था, जहां से दुनिया के तमाम मुल्क खुद को बेहतर बनाने के लिए नकल किया का करते थे, जिस देश को विश्व गुरु की उपाधि प्राप्त हुई , क्या वो यही राष्ट्र है???
आखिर चूक कौन और कहां कर रहा है जो आज हमको इन दिनों से मुलाकात करनी पड़ रही है या फिर किसी योजना के शिकार बन रहे हैं हम हिंदुस्तानी ,ये मंथन करने का मौजू है।
आइए हम खुद अपने देश का Analysis करते हैं कि कहां कहां से सहयोग मिलने पर भारत को ऐसे वक्त से गुजरना पड़ रहा है...आइए हम उन स्त्रोतों पर विचार करते हैं जहां से भ्रष्ट लोगों द्वारा भ्रष्टाचार का जन्म होता है..
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स्कूल&कालेज (School & Colleges)
             यह हर भारतीय का वहा पहला मंच होता है जहां से बच्चे अपने हाथों से कलम के सहारे चलना सीखते हैं और वहीं से ये सुनिश्चित हो जाता है कि देश को क्या मिलने वाला है। हमारे देश की सबसे बड़ी विडंबना ये है कि तमाम सरकारी स्कूलों के बावजूद भी उसका सकारात्मक उपयोग नहीं होता । सरकारी संस्थाओं के हिस्से वही देशवासी बनते हैं जो निम्न स्तर से संबंध रखते हैं क्योंकि वो आर्थिक रूप से इतना मजबूत नहीं होते कि अन्य संस्थाओं में दाख़िला ले सकें क्योंकि प्राइवेट स्कूलों में उच्च वर्गीय एवं रहनुमाओं से जुड़े भारतीय संबंध रखते हैं जिससे वहां का खर्च उठा पाना निम्न स्तर के लोगों के काबू में नहीं होता । यहां तक तो ठीक है लेकिन सबसे बड़ी समस्या हमारे सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के द्वारा उत्पन्न होती है जो अपने ज़हन में ये बैठा लिए हैं कि सरकारी नौकरी है शिक्षा दें या न दें हमें तो  सैलरी पैकेज मिलेगा ही और कभी कभी तो ऐसे ऐसे लोग उस पद पर जा बैठते हैं जो उसके काबिल नहीं होते।
इसके सुधार के लिए होना ये चाहिए कि सभी प्राइवेट स्कूलों को बंद किया जाय और सरकारी संस्थाओं को प्राथमिकता दी जाय और सभी भारतवासी एक ही छत के नीचे शिक्षा ग्रहण करें चाहे वो किसी निम्न स्तर से आते हों या किसी रहनुमा या उच्च स्तर से आते हों सबको उतना ही सम्मान और इज्ज़त मिले,तब हम कह सकेंगे कि हम सब भारतवासी एक हैं।

अस्पताल (Hospital)
           अस्पताल तथा स्वास्थ्यघर वह जगह सार्वजनिक स्थल होता है जहां मानव की शारीरिक बीमारियों का इलाज किया जाता है ।
            यहां भी सरकारी और गैर-सरकारी वाला फार्मूला कार्य करता है क्योंकि सरकारी अस्पतालों में कम पैसों से इलाज किया जाता है जिससे यहां पर निम्न स्तर के लोगों का आना अधिक पाया जाता है जो आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं और उच्च स्तर के लोग प्राइवेट अस्पतालों में जाना पसंद करते हैं क्योंकि वहां पर इलाज भी अच्छा होता है और अलग प्रकार की सुविधाएं भी मिलती हैं। सरकारी अस्पतालों के डाक्टरों का सबसे भ्रष्ट काम में है कि ये लोग उस काम का अंजाम ठीक प्रकार से न देकर खुद की अलग क्लीनिक चलाते हैं और उधर से सरकारी खाते से भी पैसा खींचते रहते हैं जिससे लोगों की संख्या इनके प्राइवेट क्लीनिक कर अधिक होती है क्योंकि वहां पर ये दिल लगाकर अपने काम का अंजाम देते हैं।

पुलिस (Police)
      कानून व्यवस्था को सुचारू रूप से बनाए रखने में भारतीय जनता के बाद सबसे अहम रोल पुलिस का होता है। अब बात उन पर निर्भर करती है कि किस स्तर तक वो अपनी देशभक्ति निभाते हैं। इस बात को लिखने में मुझे कोई हिचकिचाहट और डर नहीं महसूस हो रही कि भारतीय पुलिस भी चेहरे पहचान कर कार्रवाई करने का फैसला करती है तभी तो जो तानाशाही लोग अपराध करते हैं वही अपने अंदाज में सड़क पर घूमते हैं और जेल की रोटी वो खाते हैं जो निर्दोष होते हैं।
           सीधी सी बात है कि अपराध करने की हिम्मत वही करता है जिसके पास ये एहसास होता है कि वह ताकतवर है अर्थात वह करने के काबिल है जो काबिलियत एक अपराधी रखता है और अपराध करने के बाद वह बंदा जाकर पुलिस को रिश्वत से खरीद लेता है और पुलिस के इन करतबों से वह सजा से बच जाता है और धीरे धीरे उसका होंसला और बढ़ता जाता है और अंततः वह किसी बड़े अपराध का जिम्मेदार बनता है , विडंबना फिर ये होती है कि वहां से भी वह बच निकलता है और फांसी के फंदे पर भी कभी कभी निर्दोषों को ही झूलना पड़ता है।
मीडिया (Media)
     इस बात से कोई अनजान नहीं कि मीडिया को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का दर्जा दिया गया है  मिडिया का काम ये है कि वह किसी भी प्रकार के मामलों को पैनी नज़र से देखे और जनता को वही बताए और दिखाए जो सच हो । मीडिया को चाहिए कि वो सरकार द्वारा लिए गए हर एक फैसले को शक की दृष्टि से देखे और उसका सही रूप जनता के सामने रखे । लेकिन आलम ये है कि आज मीडिया के लोग रहनुमाओं के ग्रुप में शामिल होकर नाईट पार्टी कर रहे हैं और उन्हीं के गुण गान में रातों दिन लगे हुए हैं , लगता है सभी राजनीतिक पार्टियों के अलग-अलग चैनल सेट हैं , मीडिया भी रिश्वत पर ख़बरें चलाने लगी है।
सेना (Army)
     सेना किसी राष्ट्र की सुरक्षा का सबसे अहम हिस्सा होती है। बिना सेना के किसी भी देश की सुरक्षा खतरे में रहती है। हमारे सेना के जवान रात दिन एक करके शरहद पर अपना दायित्व संभाले हुए हैं और हम सबको सुरक्षित रखे हुए हैं लेकिन अब तो ऐस वक्त भी हिंदुस्तान को देखने को मिला कि सेना के जवानों के साथ भी भ्रष्ट अधिकारियों के द्वारा ऐसे व्यवहार किए गए जिससे हिन्दुस्तान की व्यवस्था को तार तार होना पड़ा। अभी कुछ महीनों पहले ही हम सबको ये देखने और सुनने को मिला था कि जवानों के भोजन में दाल के नाम पर जल के साथ घोली हुई हल्दी दी जा रही है जिसका विरोध करने और दुनिया के सामने ये बात रखने की वजह से जवान 'तेज बहादुर' को अपने घर लौटकर जाना पड़ा। तो ये है हमारे देश की चमकती व्यवस्थाएं जो देश को पहले नंबर पर ले आईं।

"तिजोरी के खजानों पर ये कैसा सख़्त आया है
वो ढालों के निशानों पर ये कैसा जप्त आया है
चौकसी जब वो करते हैं तो हम नींदों में रहते हैं
वतन के उन दिवानों पर ये कैसा वक्त आया है"

देश में होने वाले तमाम घोटाले चीख चीखकर हमारे देश के रहनुमाओं की करतूतें बयां कर रहे हैं...

बोफोर्स घोटाला   -  64 करोड़
यूरिया घोटाला   - 133 करोड़
चारा घोटाला - 950 करोड़
शेयर बाजार घोटाला- 4000 करोड़
सत्यम घोटाला - 7000 करोड़
स्टैप पेपर घोटाला - 43000 करोड़
कामनवेल्थ गेम्स घोटाला - 70000 करोड़
2G स्पेक्ट्रम घोटाला - 167000 करोड़
अनाज घोटाला - 200000 करोड़
कोयला खदान आवंटन घोटाला - 1200000 करोड़

आपके सामने देश में हुए तमाम प्रकार के घोटालों की लिस्ट है जिसे आप देख सकते हैं और विश्लेषण करने पर आप पाएंगे कि सभी घोटालों से कोई न कोई रहनुमा जुड़े हुए हैं।
                नतीजतन परिणाम यह निकला है कि हर प्रकार के गलत कार्यों और भ्रष्टाचार से कोई न कोई रहनुमा जुड़ा हुआ मिलेगा आपको ,और  विडंबना इस बात की है कि वही भ्रष्ट किस्म के लोग सत्ता पर हैं जो देश चलाने का कार्य करते हैं। अगर आप गौर करें तो हमारे देश के सभी नेताओं पर किसी न किसी प्रकार के अपराध के मुकदमें चल रहे हैं लेकिन वो सत्ता अपने हाथों में लिए जनता के खून चूस रहे हैं।
 हमारे देश आ भला तब तक नहीं हो सकता जब तक मुल्क का एक  एक रहनुमा साक्षर नहीं हो जाता जो हर प्रकार के नियमों कानूनों को समझें और हर प्रकार के मामलों में सही फैसला लेने की अहमियत रखे, यह कार्य वही कर सकता है जो साक्षर हो ,जो  सही तरीके से पढ़ा लिखा हो बाकी पढ़े लिखे तो सभी होते हैं । हमारे देश का विकास तभी होगा जब हमारे देश रहनुमाओं के पद पर IAS , IPS स्तर के लोग बैठने लगेंगे क्योंकि बिना शिक्षा के दुनिया में कुछ भी संभव नहीं!!!

कहां आ गया हमारा देश, कहां आ गया हमारा देश
सोने की चिड़िया था मार के खा ही गया हमारा देश

सारी दुनिया देख रही है कैसा देश का मंजर है
जहां थी धूप की वर्षा अब तो वहां समाया खंजर है
गिर जाते हैं पेड़ छांव के और मचा कोहराम है
आम आदमी भटक रहा है बाक़ी सब आराम है 

कौन बताए खेल है किसका और है किसका सारा भेष
कहां आ गया हमारा देश कहां आ गया हमारा देश
 
अब तो सब है गया काम से अन्न का दाता डरता है
खेत की गर्मी तड़पाती और पुलिस की गोली मरता है
कैसा है गद्दी वाला और कैसा चौकीदार है 
लगता है इस मुल्क का सोया हर इक चौकीदार है

सैनिक का सर गायब है बस बचा है खूं फव्वारा शेष
कहां आ गया हमारा देश, कहां आ गया हमारा देश

©SakibMazeed 

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