आज का दिन नया है हमारे लिए
हाँ हमारे लिए और तुम्हारे लिए
सबके दिल में बानी इक नयी आस है
आते लम्हों को छूने का एहसास है
डर के जीना नहीं दर के मरना नहीं
सारे घावों का मरहम मेरे पास है
हौंसला गर रहा उड़ने का आपका
वो फ़लक़ आएगा चाँद तारे लिए
आज का दिन नया है हमारे लिए
हाँ हमारे लिए और तुम्हारे लिए
मेरा पहला क़दम जब उठा आजका
तब मुझे ख्याल आया था मुमताज़ का
वो बना ताज हर पल नया ही रहा
सारे आलम में चर्चा है उस ताज़ का
बन सको संगमरमर के जैसे बनो
ये दुआ देता हूँ मैं तुम्हारे लिए
आज का दिन नया है हमारे लिए
हाँ हमारे लिए और तुम्हारे लिए
©SakibMazeed
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