Mulk The Movie : Review | मुल्क फिल्म समीक्षा


"मुल्क" फिल्म का नाम है जो एक उर्दू शब्द है जिसका हिंदी मतलब होता है - "देश" ! यह फिल्म एक बॉलीवुड की हिंदी ड्रामा फिल्म है,जिसके डायरेक्टर और राइटर प्रसिद्ध डायरेक्टर और राइटर "श्री अनुभव सिन्हा जी" हैं। इस फिल्म की शूटिंग बनारस और लखनऊ के इलाकों में की गई है। इस फिल्म की कहानी एक देशभक्त मुस्लिम परिवार की कहानी है जो इस मुल्क में रहकर अपने खोए हुए सम्मान को पुनः प्राप्त करने की कोशिश कर रहा है। इस फिल्म को "श्री अनुभव सिन्हा जी" और "श्री दीपक मुकुट जी" ने मिलकर प्रोड्यूस किया है। इस फिल्म के मुख्य कलाकार जिनके चारों ओर इस फिल्म की कहानी घूमती है वो हैं- ऋषि कपूर , तापसी पन्नू, आशुतोष राणा, प्रतीक बब्बर, रजत कपूर,मनोज पाहवा,नीना गुप्ता,प्रची शाह पांडेय,वर्तिका सिंह,अश्रुत जैन,जन्द्रनेल सेगुप्ता। 
                इस फिल्म की कहानी अनुभव सिन्हा जी ने हिंदुस्तान मुल्क के मुस्लिम समाज की स्थिति को देखकर लिखा । एक ऐसा मुल्क जहां सारे जाति और मजहब के लोग मिलजुलकर देश की संविधान के रास्ते पर संविधान की रक्षा करते हुए चलते हैं ।एक ऐसा मुल्क जहां की गंगा जमुनी तहजीब, पुरखों की जागीरें , इमारतें , संस्कृति दुनिया के सभी मुल्कों में जानी जाती है। एक ऐसा मुल्क जहां के सभी मजहब के लोग तरक्की की राहों पर चलकर एक से बढ़कर एक नई नई इबारतें अपने मुल्क के लिए लिख रहे हैं , एक ऐसा मुल्क जहां का संविधान सभी धर्मों को एक बराबर  का हक देता है लेकिन इसी मुल्क में एक बहुत बड़ी समस्या दिन बदिन बढ़ती जा रही है कुछ सालों से तो कुछ ज्यादा ही बढ़ी है उस पर नजर पड़ती है बनारस के एक कलमकार जिसको बॉलीवुड के डायरेक्टर अनुभव सिन्हा के रूप में जाना जाता है। आज अनुभव सिन्हा जी ने जिस राष्ट्रीय समस्या पर नजर डाली वह आज के युग के लिए बहुत ही जरूरी थी ,बहुत ही जरूरी था कि सच क्या है और मिथ्या क्या है वह जनता के सामने लाया जाए जो अनुभव सिन्हा जी ने अपने प्रयास में किया । अनुभव सिन्हा जी ने इस फिल्म के जरिए मुल्क में प्यार की बारिश करने की ठानी है जो सफल भी होंगे और हमारे मुल्क का फूल खिलेगा।
         इस मुल्क भारत की और यहां पर रह रहे मुस्लिम समाज की हमेशा से यह विडंबना रही है कि यहां के मुस्लिम समाज को देश के हर तबके के लोगों के द्वारा शक की निगाह से देखा गया ,उस नजर से नहीं देखा गया जिस नजर से और सभी मजहब को देखा गया , उस नजर से नहीं देखा गया जिस नजर से इस देश के लिए जरूरत थी ,उस नजर से नहीं देखा गया जिस नजर की जरूरत मुस्लिम समाज को थी , उस नजर से नहीं देखा गया जिस नजर से देखने लायक थे मुस्लिम समाज के लोग । जरा सोचिए जिस मुल्क का मुस्लिम अपनी नमजों में अपने मुल्क की सलामती के लिए दुआ करता है वह कैसे आतंकवादी हो सकता है , जो समाज मुल्क के साथ हर दुःख और सुख में कंधे से कंधा मिलाए खड़ा हुआ है  वह अपने मुल्क के लिए गलत कैसे सोच सकता है? अगर किसी को ऐसा लगता है तो वह गलत है और हमेशा मुसलसल गलत साबित होता रहेगा । देश के तमाम ऐसे लोगों का समूह जो मुस्लिम समाज के बारे में ऐसा कहे है और कहते हैं वह मुस्लिम समाज के साथ-साथ मुल्क का भी सम्मान दुनिया के सामने कम किए हैं। उन तमाम ऐसे लोगों को चाहिए कि  जाएं और मुल्क फिल्म को देख देख कर देखें और सोचें ,समझें कि आखिर क्या है सच! 
                       फिल्म का ट्रेलर जैसे ही लॉन्च किया गया, तमाम लोग सामने आए इस मुल्क के सपोर्ट में  और तमाम लोग ऐसे भी अपनी ज़ुबान खोले जो मुल्क के विरोध में थे लेकिन खुशी की बात ये रही कि सपोर्ट करने वालों की संख्या विरोध करने वालों पर भारी पड़ी और जीत सत्य की हुई और सेंसर बोर्ड ने मुल्क को हरी झंडी दी।इसी बीच अपना पड़ोसी मुल्क जिसके साथ भारत के रिश्ते संवेदनशील रहते हैं - पाकिस्तान ने मुल्क को पूरी तरह से बैन कर दिया जिससे पाकिस्तान के निवासी मुल्क नहीं देख सकते । मुल्क के डायरेक्टर अनुभव सिन्हा जी ने पाकिस्तान के लिए एक ऑनलाइन पत्र भी लिखा और उसमे बताया कि मुल्क फिल्म में सिर्फ प्यार और प्यार है, इसे पसंद करिए ।
 क्या यह पाकिस्तान का सही निर्णय था? 
............................................................नहीं! यह पाकिस्तान का गलत फैसला था ,है,और रहेगा कि पाक सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को रिलीज करने से मना कर दिया ।पाकिस्तान के इस कदम की मजम्मत की जाय और गलत ठहराया जाए। और भारत मुल्क के कुछ समूह भी पाकिस्तान की राह पर चलते हुए इस फिल्म के विरोध में बोलते दिखे , वो और भी गलत हैं क्योंकि वो आज तक उस मुल्क को नहीं समझ पाए, उस मुल्क के समाज को नहीं समझ पाए जिस मुल्क में वो रहते हैं । तमाम ऐसे लोगों को समझना चाहिए और उस रास्ते से हटना चाहिए जिससे इस मुल्क की गंगा जमुनी तहजीब बची रहे और हमारा मुल्क हमेशा खुशहाल रहे और मुल्क के निवासी भी खुश रहें,और मुल्क भी सबके द्वारा देखि जाय ।
              मुल्क सुपरहिट हो रही है , परिणाम बेहतर आ रहे हैं ,लोग पसन्द रहे हैं । आखिर सच्चाई तो सबको अच्छी लगती है ना! तो क्यूं नहीं पसंद आयेगी लोगों को। इस फिल्म की सबसे खास बात जो मुझे भी बहुत पसंद आई वो यह है कि यह फिल्म मुस्लिम समाज पर आधारित है और इस फिल्म के राइटर, डायरेक्ट से लेकर कलाकार तक हिन्दू समाज के लोग हैं।यह देख कर यह लगता है कि बहुत कम लोग ही देश में ऐसे हैं जो मुस्लिम समाज को नहीं समझ पाए हैं और इन्हें समझने की जरूरत है जिससे हमारे मुल्क के हालात और अच्छे हो सकें और हमारा मुल्क  हमेशा खुश रहे ,तरक्की करे ,हर क्षेत्र में अपना तिरंगा फतह के साथ फहराए...!
जय हिन्द


हिंदुस्तान ज़िंदाबाद

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