किसी दिन चाँद पर हम लोग भी रॉकेट से जाएँगे - Kaif Ahmed Siddiqui || Mission Chandrayan 2 || चंद्रयान 2 || چندریان٢



चंद्रयान 2
उर्दू ज़ुबान के मशहूर शायर "कैफ अहमद सिद्दीक़ी" ने अपनी नज्म़ "इरादे" में चांद पर जाने का ख़्वाब देखते हुए वहाँ पर आसियाँ बनाने की इच्छा जाहिर की थी, और आज हमारा वतन सच में चांद पर अपनी इबारतें लिख रहा है जिस पर सारी दुनिया की नज़रें टिकी हुई हैं। हमारे देश के Space Organization (ISRO) के वैज्ञानिकों ने अपने दम पर चंद्रयान 2 को अपनी सरज़मीं से विदा कर दिया है,हम दुआ कर रहे हैं कि हमारे देश का चंद्रयान सलामती से चांद पर क़दम रखे जिससे हम एक नई इबारत लिखने में कामयाब हो जाएं।
जल की खोज करेगा चंद्रयान2
हमारे देश के वैज्ञानिकों ने चांद पर आब (जल) की खोज करने की ख्वाहिश लिए यान को भेजा है, चांद पर वैज्ञानिकों द्वारा कुछ बूंदों के निशान देखकर कयास लगाया गया है कि इंशाल्लाह! जल्द ही हम चांद पर आब को हांसिल कर सकने में कामयाब होंगे।
चलिए अब मुलाकात करते हैं कैफ साहब की उस नज़्म से जो इन दिनों बहुत खोजी और पढ़ी जा रही है...

"किसी दिन चाँद पर हम लोग भी रॉकेट से जाएँगे
ये माना चाँद अभी इक रेत का मैदान है लेकिन
किसी दिन जा के हम इस को हसीं जन्नत बनाएँगे
किसी दिन चाँद पर हम लोग भी रॉकेट से जाएँगे
ये माना चाँद पर इस वक़्त आबादी नहीं लेकिन
किसी दिन हम वहाँ जा कर नई बस्ती बसाएँगे
किसी दिन चाँद पर हम लोग भी रॉकेट से जाएँगे
ये माना चाँद अभी बद-सूरत-ओ-बद-शक्ल है लेकिन
किसी दिन हम उसे दुनिया से भी दिलकश बनाएँगे
किसी दिन चाँद पर हम लोग भी रॉकेट से जाएँगे
किसी दिन चाँद पर हम लोग भी रॉकेट से जाएँगे
ये माना चाँद पर हर सम्त हैं ज्वाला-मुखी लेकिन
किसी दिन हम वहाँ पर प्यार की कलियाँ खिलाएँगे
किसी दिन चाँद पर हम लोग भी रॉकेट से जाएँगे
ये माना चाँद अंदर से बहुत तारीक है लेकिन
किसी दिन हम वहाँ पर अम्न की शमएँ जलाएँगे
किसी दिन चाँद पर हम लोग भी रॉकेट से जाएँगे
ये माना चाँद पर हर सम्त हैं वीरानियाँ लेकिन
किसी दिन हम वहाँ जा कर बहुत धूमें मचाएँगे
किसी दिन चाँद पर हम लोग भी रॉकेट से जाएँगे
ये माना चाँद पर जाना अभी बे-कार है लेकिन
वो दिन भी आएगा जब हम वहाँ पिकनिक मनाएँगे
किसी दिन चाँद पर हम लोग भी रॉकेट से जाएँगे"


सलाम है "कैफ अहमद साहब" को जिनकी कलम से उस वक़्त में ऐसी नज़्म निकली जो जो आज तक प्रासंगिक है और आगे कई सदियों तलक इसको पढ़कर उस अज़ीम सख्सियत को लोग प्यार से याद करेंगे। सलाम है भारत के सीतापुर की उस माँ को जिन्होंने ऐसे बेटे को जन्म दिया, सलाम है सीतापुर की मिट्टी को जिनसे कैफ साहब बने थे, सलाम है इस वतन को जो अपने दामन ऐसे शख्सियतों को पनाह देता है।

कैफ अहमद सिद्दीक़ी साहब_ज़िन्दाबाद

हिन्दुस्तान_ज़िन्दाबाद




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