Teachers' Day || शिक्षक दिवस


"Happy teachers' day" To my respected teachers.
               आज आप अज़ीम सख्सियतों का दिन है जो दुनिया को मुबारक़ बनाते हैं. खुद के पैरों पर खड़े होना सिखाते हैं। आप ऐसे लोग हैं जो दुनिया को चलना सिखाते हैं, और दुनिया में चलती हवाओं का रुख मोड़ने की ताक़त रखते हैं. हम आपसे ही हैं, आप ख़ुद को एक ही जगह रखकर हम सबको बहुत आगे चलते रहने का हुनर देते हैं, चलते रहने की ताक़त देते हैं जो ताक़त हमें और कहीं से नहीं मिल सकती। जब हम अपनी आंखों में मासूम सपनों को लेकर आपकी दयार में पनाह लेते हैं तो आप बिल्कुल मिट्टी के उसी बर्तन की तरह हमें अपने हांथों से ढालते हैं जो आने वाले वक़्त में लोगों की प्यास भी बुझाता है और तलाश भी। आपकी दुआएँ और आशीर्वाद हमारे लिए बिल्कुल वैसे ही हैं जैसे एक मुसाफ़िर के लिए चलने का रास्ता, जैसे एक लिखने वाले के लिए कलम, जैसे पढ़ने वाले के लिए किताब, जैसे प्यासे के लिए आब, जैसे दुनिया के लिए हवा और बीमार के लिए दवा!
                 जब आप दिल से दुआएँ देते हैं, दिल से आशीर्वाद देते हैं तो एक अलग तरह का जज़्बा हमें महसूस होता है, हमारे अन्दर एक नई ऊर्जा का एहसास होता है और सफर आसान लगने लगता है, मंज़िल आसान लगने लगती है।       
                                हमें आपका साथ चाहिए, हमें आपका आशीर्वाद चाहिए बिना आपके हम एक भी क़दम आगे को नहीं बढ़ सकते!

 आन हैं मान हैं और सम्मान हैं
हम सभी के लिए आप अभिमान हैं

पेन से कागज़ पे चलना सिखाया हमें
मुश्किलों में संभलना सिखाया हमें
अपना साया मुसलसल बनाए हुए
सच के सांचे में ढलना सिखाया हमें
हम सभी तालिबों की सदा कह रही
हम यही बोलेंगे सच की पहचान हैं
आन हैं मान हैं और सम्मान हैं
हम सभी के लिए आप अभिमान हैं

चलने का रास्ता है मिला आपसे
ज्ञान का है चला काफिला आपसे
ढाल बनकर हमारी रहेगा सदा
जो हमें मोजज़ह है मिला आपसे
आपकी आजमतों से हम अनजान हैं
आन हैं मान हैं और सम्मान हैं
हम सभी के लिए आप अभिमान हैं

इस कलम को तो रुकने नहीं देंगे हम
आपके सर को झुकने नहीं देंगे हम
जो चिराग आप हमको जलाकर दिए
उन चिरागों को बुझने नहीं देंगे हम
ज़िंदगी के लिए इस जहाँ के लिए
आप ही हम सभी के निगहबान हैं
आन हैं मान हैं और सम्मान हैं
हम सभी के लिए आप अभिमान हैं!

 ©SakibMazeed
         

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